शनिवार, 22 दिसंबर 2012

जब आप दूसरे की मां-बहन-बेटी का अपमान करते हैं तो बासतब में आप अपनी मां बहन बेटी का अपमान करवाने के लिए एक महिलाविरोधी माहौल वना रहे होते हैं

rapहमीरपुर जिले के मतलेड़ी गांव की छठी में पढ़ने वाले छात्रा जो पाठसालाल से घर आ रही थी को गांव के ही गुंड़े ने बीड़ी लाने के बहाने बुलाया और फिर उसका बलातकार करने के बाद उसके सिरपर पत्थर मार-मार कर उसका कतल कर दिया क्या अब भी आप कहेंगे कि न्यालया द्वारा फांसी की सजा सुनाए गए 8 गुंडो की सजा माफ करने वाली कांग्रेस सरकार बालातकारियों की मददगार नहीं है
आो बालातकारियोंके मददगारियोंको वे चाहे कोई भी हों के लिए फांसी की सजा सुनिशेचित करें व ऐसे बालातकारियों का पक्ष लेने वाले दानबाधिकारबादियों को सबक सिखाने का प्रण करें

हमीरपुर जिले के टिहरी गाँव की लड़की
जो कि दशवीं गांव की प्राथमिक पाठशाला में पढ़ती थी के साथ हटली गांव के 30 वर्षीय गुंडे ने बालातकार करने की कोशिश करते हुए उसकी योनी में चाकू/बलेड से जखम कर दिए आज वो गुंडा खुला घूमता है किया अब भी आप बालातकारियों को फांसी की सजा देने का विरोध करने वाले दानबाधिकारबादियों काो सबक सिखाने वाले क्राँतिकारियों का समर्थन नहीं करेंगे
मामला दब गयाक्योंकि एकतो ये गरीब थी और दूसरा सहरी मिडीया की पहुंच से कोसों दूर

सिर्फ पुलिस बालों को सजा की बात कर रहे हैं वो बासतब में बालातकारियों को फांसी की सजा से बचाने के लिए जनता का ध्यान बंटाना चाहते हैं इनसे साबधान

जब लालकृष्ण अडवानी जी ने वालातकारियों को फांसी दने के लिए कानून बनाने की कोशिस शुरू की थी अगर उस वक्त ये लोग फांसी का विरोध करने वाले दानबाधिकारियों के बिरूध खड़े हो जाते तो आज तक ये कानून कब का लागू हो चुका होता फिर भी देर आए दुरूशत आए

बलातकारियों को हर हाल में शीघ्रताशीघ्र फांसी सजा मिलनी चाहिए लेकिन प्रदर्शनकारियों को सरकार के गुलाम सुरक्षाबलों पर हमला नहीं करना चाहिए वल्कि फांसी की सजा का विरोध करने वाले नेताओ, पत्रकारों और तथाकथित समासेवकों व दानबाधिकारबादियों को ढूंढ-ढूंढ कर शबकसिखाना चाहिए

जिस इटालियन अंग्रेज के सपोले पर अभी-अभी बालात्कार का केश CBI की मदद से खत्म हुआ हो वो भला क्यों बलात्कारियों का फांसी की सजा देने का समर्थन करेगी

रविवार, 19 अगस्त 2012

JAGO HINDU JAGO: ईद कहो या बकरईद मकसद तो एक ही है---हिंसा---कत्लोगा...

JAGO HINDU JAGO: ईद कहो या बकरईद मकसद तो एक ही है---हिंभारतविरोधी-हिन्दूविरोधी 
काग्रेस सरकार की कोशिश इसलामिक आतंकवादियों द्वारा किए जा रहे दंगों को इस कदर भड़काना है कि मजबूर होकर हिन्दू संगठनों को इन इसलामिक आतंकवादियों के बिरूद्ध गुजरात की तरह सीधी कार्यवाही करने पर मजबूर होना पड़े और काँग्रेस को हिन्दू संगठनों से जुड़ी भाजपा को सांप्रदायिक बोलने का मौका मिले व कालेधन व भ्रष्टाचार के बिरूद्ध चल रही लड़ाई से  लोगों का ध्यना हटाया जा सकेसा---कत्लोगा...: .

शुक्रवार, 10 अगस्त 2012

आओ इस देश से कांग्रेस को खत्म करे |||: कुरान की चौबीस आयतें और उन पर दिल्ली कोर्ट का फैसल...

आओ इस देश से कांग्रेस को खत्म करे |||: कुरान की चौबीस आयतें और उन पर दिल्ली कोर्ट का फैसल...: कुरान की चौबीस आयतें और उन पर दिल्ली कोर्ट का फैसला श्री इन्द्रसेन (तत्कालीन उपप्रधान हिन्दू महासभा दिल्ली) और राजकुमार ने कुरान मजीद (अ...

आओ इस देश से कांग्रेस को खत्म करे |||: रिश्तों के आईने में 'हिंदू विरोधी' मीडिया

आओ इस देश से कांग्रेस को खत्म करे |||: रिश्तों के आईने में 'हिंदू विरोधी' मीडिया: रिश्तों के आईने में 'हिंदू विरोधी' मीडिया by Jitendra Pratap Singh on Wednesday, April 27, 2011 at 6:37pm रिश्तों के आईने में 'हिंदू विरोध...

भगवान श्रीकृष्ण जी के जन्मदिन पर सब हिन्दूओं को हार्दिक शुभकामनायें

vishnuji000

ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नमः

ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नमः

ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नमः

ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नमः

ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नमः

ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नमः

ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नमः

ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नमः

ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नमः

ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नमः

ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नमः

ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नमः

ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नमः

ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नमः

ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नमः

ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नमः

ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नमः

ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नमः

ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नमः

ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नमः

ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नमः

ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नमः

ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नमः

ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नमः

ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नमः

ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नमः

ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नमः

ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नमः

ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नमः

ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नमः

ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नमः

ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नमः

ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नमः

ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नमः

ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नमः

ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नमः

ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नमः

शुक्रवार, 6 अप्रैल 2012

जयकारा वीर बजरंगी – - – हर हर महादेव

डाउनलोड करें

ॐ श्री हनुमते नमः ॐ श्री हनुमते नमः ॐ श्री हनुमते नमः
ॐ श्री हनुमते नमः ॐ श्री हनुमते नमः ॐ श्री हनुमते नमः
ॐ श्री हनुमते नमः ॐ श्री हनुमते नमः ॐ श्री हनुमते नमः
ॐ श्री हनुमते नमः ॐ श्री हनुमते नमः ॐ श्री हनुमते नमः
ॐ श्री हनुमते नमः ॐ श्री हनुमते नमः ॐ श्री हनुमते नमः
ॐ श्री हनुमते नमः ॐ श्री हनुमते नमः ॐ श्री हनुमते नमः
ॐ श्री हनुमते नमः ॐ श्री हनुमते नमः ॐ श्री हनुमते नमः
ॐ श्री हनुमते नमः ॐ श्री हनुमते नमः ॐ श्री हनुमते नमः
ॐ श्री हनुमते नमः ॐ श्री हनुमते नमः ॐ श्री हनुमते नमः
ॐ श्री हनुमते नमः ॐ श्री हनुमते नमः ॐ श्री हनुमते नमः
ॐ श्री हनुमते नमः ॐ श्री हनुमते नमः ॐ श्री हनुमते नमः
ॐ श्री हनुमते नमः ॐ श्री हनुमते नमः ॐ श्री हनुमते नमः
ॐ श्री हनुमते नमः ॐ श्री हनुमते नमः ॐ श्री हनुमते नमः
ॐ श्री हनुमते नमः ॐ श्री हनुमते नमः ॐ श्री हनुमते नमः
ॐ श्री हनुमते नमः ॐ श्री हनुमते नमः ॐ श्री हनुमते नमः
ॐ श्री हनुमते नमः ॐ श्री हनुमते नमः ॐ श्री हनुमते नमः
ॐ श्री हनुमते नमः ॐ श्री हनुमते नमः ॐ श्री हनुमते नमः
ॐ श्री हनुमते नमः ॐ श्री हनुमते नमः ॐ श्री हनुमते नमः
ॐ श्री हनुमते नमः ॐ श्री हनुमते नमः ॐ श्री हनुमते नमः
ॐ श्री हनुमते नमः ॐ श्री हनुमते नमः ॐ श्री हनुमते नमः
ॐ श्री हनुमते नमः ॐ श्री हनुमते नमः ॐ श्री हनुमते नमः
ॐ श्री हनुमते नमः ॐ श्री हनुमते नमः ॐ श्री हनुमते नमः
ॐ श्री हनुमते नमः ॐ श्री हनुमते नमः ॐ श्री हनुमते नमः
ॐ श्री हनुमते नमः ॐ श्री हनुमते नमः ॐ श्री हनुमते नमः
ॐ श्री हनुमते नमः ॐ श्री हनुमते नमः ॐ श्री हनुमते नमः
ॐ श्री हनुमते नमः ॐ श्री हनुमते नमः ॐ श्री हनुमते नमः
ॐ श्री हनुमते नमः ॐ श्री हनुमते नमः ॐ श्री हनुमते नमः
ॐ श्री हनुमते नमः ॐ श्री हनुमते नमः ॐ श्री हनुमते नमः
ॐ श्री हनुमते नमः ॐ श्री हनुमते नमः ॐ श्री हनुमते नमः
ॐ श्री हनुमते नमः ॐ श्री हनुमते नमः ॐ श्री हनुमते नमः
ॐ श्री हनुमते नमः ॐ श्री हनुमते नमः ॐ श्री हनुमते नमः
ॐ श्री हनुमते नमः ॐ श्री हनुमते नमः ॐ श्री हनुमते नमः
ॐ श्री हनुमते नमः ॐ श्री हनुमते नमः ॐ श्री हनुमते नमः
ॐ श्री हनुमते नमः ॐ श्री हनुमते नमः ॐ श्री हनुमते नमः
ॐ श्री हनुमते नमः ॐ श्री हनुमते नमः ॐ श्री हनुमते नमः

शुक्रवार, 23 मार्च 2012

चैत्र शुक्ल प्रतिपदा सम्मवत् 2069 शुक्रवार तदानुशार 23 मार्च 2012 आपके लिए मंगलमय हो…


हम भारतीय नव वर्ष का प्रारम्भ हिन्दू, चैत्र शुक्ल प्रतिपदा से मानते  हैं क्योंकि ?
• इस तिथि से ब्रह्मा जी ने सृष्टि का निर्माण प्रारम्भ किया।
• मर्यादापुर्षोत्तम भगवान श्री रामचन्द्र जी का इस दिन राज्याभिषेक हुआ।
• इस दिन नवरात्रों का महान पर्व आरम्भ होता है।
• देव भगवान झूले लाल जी का जन्म दिवस ।
• महाराजा विक्रमादित्य द्वारा विक्रमी संवत का शुभारम्भ ।
• राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ के संस्थापक डा. केशव बलिराम हेडगेवार जी का जन्म दिवस।
• महर्षि दयानन्द जी द्वारा आर्य समाज का स्थापना दिवस।
• संसार के अधिकतर देशों के बजट की इन्हीं दिनों(पखवाड़े में) शुरूआत होती
इसके अतिरिक्त ये वो वक्त है जब आप के शरीर में नए खून का ज्वार उठता है व आपके आसपास की प्रकृति भी नए कपड़े डालकर नव वर्ष शुरू होने का संकेत दुनिया के समझदार लोगों तक पहुंचाती है…

दूसरी तरफ बहुत से वेसमझ लोग ग्रेगेर्रियन कलैंडर के अनुशार 1 जनवरी को,  एक वयक्ति इसामशीह  के मरनोउपरांत खुशियां मनाकर उसे नव वर्ष का नाम देकर दुनिया को भ्रमित करने की पुरजोर कोशिस करते हुए मानबता का मखौल उड़ाते हैं अब ये आपके अपनी मर्जी है कि
आप अपनी आने वाली पिढ़ीयों को कैसा बनाना चाहते हैं
ऐसा

(अंग्रेजी नव वर्ष पहली जनवरी मनाने वाला)
या फिर ऐसा

(भारतीय नव वर्ष वर्षप्रतिपदा मनाने वाला)
ऐ वतन तेरी कसम ,कुर्बान हो जांएगे हम ।
                                           तेरी खातिर मौत से भी , जा टकरांएगे हम ।
संसकार एक दिन में न बनता है न बिगड़ता है यह एक सतत प्रक्रिया है आप कौन सी प्रक्रिया अपनाकर अपने बच्चों के हवाले करते हैं वही उनका संसकार निर्माण करेगा।
जागो हिन्दू जागो पहचाने अपने अन्दर वह रहे भारतीय खून को और इस खून से जुड़ी महान सच्चाईयों को… जिनमें से नव वर्ष चैत्र शुक्ल प्रतिपदा से प्रारम्भ होता है…. भी एक है
आप सबको हिन्दू नबवर्ष के शुभ अवसर पर एक वार फिर हार्दिक शुभकामनायें

गुरुवार, 19 जनवरी 2012

JAGO HINDU JAGO: जनरल VK Singh ji बचा सकते हो तो बचा लो हमें व हमार...

JAGO HINDU JAGO: जनरल VK Singh ji बचा सकते हो तो बचा लो हमें व हमार...: 1985 में अलकायदा की स्थापना ने बाद बाकी सारी दुनिया की तरह भारत में भी मुस्लिम जिहादियों को नये सिरे से संगठित होने का मौका मिला । जिसका प...

सोमवार, 16 जनवरी 2012

भारतवासियों को स्वामी विवेकानन्द जी का संदेश -1…स्वामी विवेकानन्द जी की 150 वीं जयंती(12 जनवरी 2012) पर विशेष

मेरे प्रिय देशवासियो, पाश्चात्य लोगों के लिए मेरा सन्देश ओजस्वी रहा है; तुम्हारे लिए मेरा सन्देश उससे भी ओजस्वी है। मैंनें यथाशक्ति प्रयत्न किया है कि नवीन पश्चिमी राष्ट्रों के लिए पुरात्न भारत का सन्देश मखरित करूँ---भविष्य निश्चित रूप से पताएगा कि मैंनें यह कार्य सम्यक रूप से किया या नहीं ; पर उस अनागत भविष्य के सशक्त-सवल स्वरों का कोमल पर सपष्ट मर्मर अभी से सुनाई देने लगा है ---भावी भारत का सन्देश वर्तमान भारत के लिए; और जैसे-जैसे दिन वीतते हैं,यह मर्मर ध्वनिसबलतर-सपष्ट होती जाती है।
जिन विविध जातियों को देखने समझने का सौभाग्य मुझे मिला, उनके वीच मैंनें अनेक संस्थाओ, प्रथाओं, रीति-रिवाजों और शक्ति तथा बल की अदभुत अभिव्यक्तियों का अद्ययन किया है ; पर इन सबमें सर्वाधिक विस्मयकारी यह उपलब्धि थी कि रहन-सहन, प्रथाओं, संस्कृति और शक्ति  की इन  बाह्या   विभिन्ताओं ---इन उपरी विभेदों के अन्तराल में, एक ही प्रकार के शुख-दुख से, एक ही प्रकार की शक्ति और दुर्बलता से वही महौ-जस मानव ह्रदय स्पंदित है।
शुभ और असुभ सर्वत्र है, और दोनों के पलड़े अदभुत रूप से बराबर हैं। पर सर्वत्र सर्वोपरि है मनुष्य की महिमामयी आत्मा, जो कि उसकी ही भाषा में वोलने वाले किसी भी व्यक्ति को समझने से कभी नहीं चूकती। हर जगह ऐसे नर नारी हैं जिनका जीवन मानब जाति के लिए बरदान है और जो दिव्य सम्राट अशोक के इन शब्दों को सत्य सिद्द करते हैं : ‘प्रत्येक देश में ब्रह्मणों और श्रमणों का निवास है।’
केवल शुद्ध और निष्काम आत्मा द्वारा ही सम्भव प्रेम के साथ मेरा स्वागत-सत्कार करने वाले उन अनेक सह्रदय पुरूषों  के लिए मैं पाश्चात्य देशों का अभारी हूँ । पर मेरे जीवन की निष्ठा तो मेरी इस मातृ भूमि के लिए अर्पित है। और यदि मुझे हजार जीवन भी प्राप्त हों, तो प्रत्येक जीवन का प्रत्येक क्षण, मेरे देशवासियो, मेरे मित्रो, तुम्हारी ही सेवा में अर्पित रहेगा।
क्योंकि मेरा जो कुछ भी है ---शारीरिक, मानसिक और आत्मिक ---सबका सब इस देश की ही देन है; और यदि मुझे किसी अनुष्ठान में सफलता मिली है तो कीर्ति तुम्हारी(देशवासियों की) है मेरी नहीं। मेरी अपनी तो केवल दर्बलताएँ और असपलताएँ हैं; क्योंकि जन्म से ही जो महान सिक्षाएँ इस देश में व्यक्ति को अपने चतुर्दिक बिखरी और छायी मिलती हैं, उनके लाभ उठाने की मेरी असमर्थता से ही इन दुर्बलताओं और असफलताओं उत्तपति हुई है।
और कैसा है यह देश! जिस किसी के भी पैर इस पावन धरती पर पड़तें हैं वही, चाहे वह विदेशी हो, चाहे इसी धरती का पुत्र, यदि उसकी आत्मा जड़ पशुत्व की कोटि तक पतित न हो गई हो तो, अपने आपको पृथ्वी के उन सर्वोतकृष्ट और पावनतम पुत्रों के जीवन्त विचारों में घिरा हुआ अनुभव करता है, जो शताब्दियों से पशुत्व को देवत्व तक पहुंचाने के लिए श्रम करते रहे हैं और जिनके प्रादुर्भाव की खोज करने में इतिहास असमर्थ है। यहां की वायु भी अध्यात्मिक स्पंदनों से पूर्ण है।….







पूर्ण जानकारी के लिए अद्वैत  आश्रम (प्रकाशन विभाग) 5 डिही एम्टीला रोड कोलकता 700014  द्वारा प्रकाशित
विवेकानन्द सहित्य के नवम खण्ड के 297 पृष्ठ पर पढ़ें…